"महताब"
कैसे करूँ उस खूबसूरती को बयां,
कोई अल्फ़ाज़ मालूम नहीं होता मुझको,
कैसे करूँ तारीफ़ तेरी,
कोई शब्द समझ नही आता मुझको,
रूहानियत तुझमे इतनी ,
कि,तुझे देखकर आँखे भी खुशनुमा हो उठे,
नूर तेरा ऐसा,की दीवाना बना दे।
खो जाए अगर तुझमे कोई ,तो आशिक़ खुद को बना ले,
किसी ने तुझमे अपने मेहबूब को देखा ...
तो देखा किसी ने तुझमे अपना जहाँ |
सहम से जाते हे लाखों दिल यहाँ...
जब बादलों में छिप जाता हैं तू वहाँ।
तू ही तो हैं जिससे रोशनी इस अंधेरी रात में भी बरकरार हैं,
तेरे ही कारण तो, लाखों दिलों में आज भी प्यार हैं,
देखकर तुझे , आज भी लोग आशिक़ी में मसरूफ़ है,
तू ही तो हे, जिससे इस जहाँ में "मोहब्बत"का कोई वज़ूद है।
-अक्षरा जैन
तू ही तो हैं जिससे रोशनी इस अंधेरी रात में भी बरकरार हैं,
ReplyDeleteतेरे ही कारण तो, लाखों दिलों में आज भी प्यार हैं,
I like this line, awesome thinking ..👌👌
Thank you💞
DeleteNice lines Akshara ������
ReplyDeleteLove it ������
All tge best dear ������
Nice lines Akshara✌����������
ReplyDeleteLove it��������
All the best dear������
Thanks a lot!!💞💜
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